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राजलक्ष्मी ने मुँह बिचकाकर जरा मुस्कराते हुए कहा, “हाँ, जानती हूँ।” यह कहकर वह चली जा रही थी, सहसा मेरे कुरते को गौर से देखकर उद्विग्न कण्ठ से पूछ उठी, “यह ...